innerfeeling
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माया तुम भी क्या कमाल करती हो
कभी थी धनवानों की दासी
आज गरीबो की सखा बनती हो |
ओह धनवान
रिश्तो को तोड़ दिया तूने
अपनों से ही मुँह मोड़ लिया तूने
माया की खातिर
जिस भाई बहन को छोड़ा था
आज उन्ही के पास ले रुपयो की थाली
भागा भागा जाता है |
ओह धनवान
गरीब की औकात क्या
१०,२०,५० या १०० की
कभी करीब आने ना दिया
छू जाने पर उसके कभी
ना जाने कितनी बार
भौंए चढ़ाई, मुँह मोड़ा
नाक चढाई
बहुत बार गुस्सा किया |
पर आज तुझको
यह १०, २० ५०,१०० वाले
ही भाने लगे
तेरे ५००,१००० को लगाने ठिकाने
यह गरीब देवस्वरूप नजर आने लगे
गरीब की झोपडी में आज
अमीर हाथ जोड़े खड़ा नजर आता है
गर करवालो अपने खाते में पैसे जमा
अहसान हो तुम्हारा बड़ा
यह कहता नजर आता है |
सच में
माया तुम भी क्या कमाल करती हो
कभी थी धनवानों की दासी
आज गरीबो की सखा बनती हो |
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