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ना बनने दो हकीकत इस सपने को

innerfeeling
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यह क्या ,यह लोग क्यों भाग रहे है| हाथों में ढेरों क्रेडिट,डेबिट कार्ड्स लिए,धन,बेटों की डिग्रियां लिए कहाँ जा रहा है सब |
सब जल्दी में है जैसे कोई लाटरी लगी हो ,या कहीं कोई कुबेर का दबा खजाना मिला हो |मैं समझ ही नही पा रहा था |
पूछने पर किसी के पास बताने की फुर्सत भी तो नही थी | तभी मेरा एक दोस्त मिला मैंने पुछा भाई क्या हुआ ?क्यों इतनी जल्दी में हो ?
कहाँ की दौड़ लगी है बताओ भाई |
तब उसने बताया यह सब लोग भाग रहे है
अपना वंश बढ़ाने के लिए
अपने बेटों के लिए बहु लाने के लिए
मि.दयाल अपनी बेटी के लिए लड़का ढून्ढ रहे है |
बस इसी लिए सब उधर ही जा रहे है |
मेरा दोस्त कह कर शामिल हो गया उसी भीड़ में कहीं
आज कल पता चले की कोई लड़की बची है सब चल देते है उस ओर
कोई फर्क नही पड़ता गोरी हो या काली ,मोटी,नाटी सब चेलेगी
बस लड़की मिल जाये
मैं भी मि. दयाल के घर पंहुचा,देखा हजारो लड़को की लंबी कतार थी
मि. दयाल ओर उसकी बेटी सब का इंटरव्यू ले रहे थे | सब अपनी अपनी खूबियां बता रहे थे ,
एक लड़के ने अपना परिचय ऐसे दिया
मैं हूँ एक इंजीनियर २५ साल का
लाखो कमाता हूँ ,साथ में घर के हर काम में निपुण हूँ
सुबह गर्म गर्म चाय से तुझको उठाऊँगा
अपने हाथों से तुमको खाना खिलाऊँगा
घर का काम निपटा कर ही ऑफिस जाऊँगा
जब भी चाएगा दिल तुम्हारा होटल लेकर तुमको जाऊंगा
हर छुट्टियों में तुम्हारी मर्जी से ही टूर बनाऊँगा
तुम आराम से रहना ,जब जी चाए क्लब ओर पार्लर जाना
शॉपिंग पर भी तुम्हारी न मैं बुड़बड़ाउगा
बस एक बार हां कर दो
देखना फिर
तुम बन के रहोगी महारानी घर की
मैं सेवक तुम्हारा
तब बारी आयी उस लड़के के माँ बाप की
बोले बेटी, घर पर तुम्हारा राज होगा
तुम कहोगी तो साथ रहेगे
वर्ना आश्रम की बना लगे अपना आशियाना |
यह देख हैरान मैं हो गया सोचने लगा
आज इनको अपना वंश चलाने के लिए किसी की बेटी चाहिए |
कल इन लोगो के मुताबिक बेटे ही वंश चलाते थे |
बेटी के जन्म होने पर मातम मन जाया करते थे |
बेटे की चाह में ना जाने कितनी बेटियों को
जन्म लेने से पहले ही मार दिया इन्होंने
आज इनको वंश बढ़ाने के लिए बेटी चाहिए
कुछ का जन्म हुआ तो भी प्यार ना दिया
सारा लाड प्यार लड़कों को
इंसान इंसान न रह कर हैवान हो गया
शायद लड़की ने दुखी हो , की होगी भगवान के आगे दुहाई
भगवान को भी लड़की पर रहम आया होगा
या लड़की के प्रति मानव के ऐसे बर्ताव पर
भगवान् को गुस्सा आया होगा
तभी लड़की बनाना ही बंद कर दिया होगा
अब लड़की का जन्म किसी घर में नही होता
शुरू शुरू में सब खुश होते ,हर घर में बेटा जो पैदा होता |
हर घर में लड्डू बंटते ,हर घर में शहनाई
सालो बीत गए
पर लक्ष्मी न अब किसी घर आयी
भाईओं की कलाई सुनी,
अब पापा के घर आने पर
कोई भाग के दरवाजे पर नही आता
अब दुर्गा पूजन पर कोई कन्या ही नही मिलती
हद तब हो गयी जब शादी के लिए भी लड़की मिलना बन्द हो गयी
अब १५ के उम्र से लड़की देखना शुरू कर देते
४० की उम्र तक भी लड़की ना मिलती
कुंवारे ही मर जाते
कितने वंश ख़तम हो गए
लगा मुझको ऐसे
आसमां पर हंस – 2 कह रही हो
वो छोटी -२ लड़कियां जैसे
लो चला लो बेटों से अपना वंश
आज कल पूजा होती थी बेटे के लिए नही
बेटी पाने के लिए
सब भगवन को मनाने लगे थे
हजारों मन्नते मांगी जा रही थी
रूठे भगवन को मनाने लगे थे
तभी मैं हड़बड़ाया
मेरी बीवी ने मुझको उठाया
उठो ऑफिस नही जाना
मैं उठा घबराकर
फिर बोला थोड़ा सम्भल कर
शुक्र है यह सपना था ||
गुजारिश मेरी आपसे
ना बनने दो हकीकत इस सपने को
भ्रूण हत्या रोको
लड़की बचाओ लड़की बचाओ
देश समाज परिवार का
भविष्य बचाओ

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