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धैर्य और विशवास

innerfeeling
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एक पिता से ज्यादा किसका धैर्य
जो ज़िंदगी भर के लिए
अपनी बेटी को
अनजाने शख्स के साथ
इस विशवास के साथ
विदा कर देता है
कि ‘उस’ जैसा देगा वह उसको प्यार
‘उस’ जैसा रखेगा वह उसका ख्याल ||

धैर्य और विशवास कि मूर्ति
होती है एक लड़की भी
जो अनजाने शक्श के साथ
अनजाने शहर में
अनजाने लोगो के बीच
चल पड़ती है
थाम के उसका हाथ
केवल इस विशवास के साथ
हर घड़ी,हर पल
हर मुश्किल में
देगा उसका साथ ||

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