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बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी (महिला दिवस पर विशेष )

innerfeeling
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जीने दो मुझे जीने दो
सर उठा कर जीने दो
सिर्फ महिला दिवस पर ही नही
हर रोज मेरा सम्मान करो

बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी
पूरी तुम आज करो

उम्र के हर दौर में
शिकार हो रही भेड़ियों का
इन भेड़ियों को समाज से निकाल
अब बाहर करो

बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी
हर रोज मेरा सम्मान करो

जिस राह से मैं गुजरू
उस राह पर बेखोफ चलने का
तुम दो अधिकार मुझे

बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी
हर रोज मेरा सम्मान करो

रोज तिल तिल कर मर रही हूँ मैं
यूँ घुट घुट कर जी रही
डर मेरा यह निकाल अब बाहर करो

बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी
हर रोज मेरा सम्मान करो

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