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CONTEST : हिंगलिश एक वरदान

innerfeeling
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हिंगलिश शब्द हिंदी और इंग्लिश से मिलकर बना है जिसका अर्थ है हिंदी और इंग्लिश का आपस में समावेश कर लिखित या मोखिक रूप में नई भाषा का प्रयोग करना|आज कल हर माँबाप अपने बच्चे को अंग्रेजी माध्धम स्कूल में पढ़ाना चाहता है ताकि जिन्दगी की दौड़ में उनका बच्चा पीछे ना रह जाये| चहू ओर अंग्रेजी का ही बोलबाला है | बेशक बच्चा स्कूल में अंग्रेजी में पढ़ता लिखता है पर आज भी उसकी मातरभाषा हिंदी ही है | घर आकर वो अपने माँ पापा, दादा दादी से हिंदी में ही बात करता है | हाँ उसमे अंग्रेजी के शब्द मिले होते है|

भाषा संचार का साधन है,जो एक दुसरे को करीब लाती है ना कि एक दुसरे से दूर करती है | पुरातन समय में में हिंदी की उत्पति संस्कृति से हुई थी | हिंदी में बहुत से ऐसे कठिन शब्द थे जिनका रोज की बोलचाल की भाषा में प्रयोग करना मुश्किल था नतीजन हिदी ने अपने आप को सवारना शुरू कर दिया| कुछ देशी विदेशी भाषाओँ को ग्रहण किया ताकि लोग आपसे में आसानी से बातचीत कर सके|यह शब्द आज हिंदी शब्दकोष के अभिन्न अंग बन गये है |जैसे :-
विद्धालय – स्कूल
चलचित्र -टेलीविज़न
दूरभाष -टेलीफोन
लोपथ्गामिनी -रेलगाड़ी
कंठलंगोट-नेकटाई
उपरोक्त हिंदी के शब्दों के स्थान पर अंग्रेजी के शब्द ही प्रयोग किये जाते है | जो आसान भी है| इस प्रकार अगर हिंगलिश का प्रयोग करने से अपने विचारो को आसानी से व्यक्त किया जा सकता है तो मेरे ख्याल से हिंगलिश में कोई बुराई नही| बल्कि अब तो हिंगलिश हमारे खून में रस गयी है अमीर,गरीब ,शहरी,ग्रामीण,बच्चा बुजर्ग हर व्यक्ति जाने अनजाने ही हिंगलिश शब्दों का प्रयोग करता है |
दूसरा वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है | तकनिकी विकास तीव्र गति से हो रहा| जिस वजह से भारत में अंग्रेजी तेजी से अपने पाँव पसार रही है|बेशक आज कई भाषाओ में सॉफ्टवेर बनने शुरू हो गये है बाबजूद इसके युवा वर्ग का झुकाव अंगेजी की तरफ ही ज्यादा है जिससे हिंदी को नुक्सान होने लगा पर तकनीकी विकास हिंगलिश को एक वरदान के रूप में लेकर आया | जो लोग हिंदी बोल तो सकते है पर लिख नही सकते जिस कारण से वो हिंदी से टूट चुके थे उनके के लिए हिंगलिश एक जादुई कलम के रूप में उभर कर आई उनको लिखने की क्षमता प्रदान की| फेस बुक,ट्विटर,जागरण जंक्शन का हिंदी ब्लाग ,आदि उदाह्रने है जिसमे हिंगलिश ने हिंदी के प्रयोग को व्यापक बनाया है
तीसरा आज भी हिंदी में टाइप करना मुश्किल है |बहुत कम ऐसे स्थान है जहाँ पर हिंदी की टाइपिंग सिखाई जाती है| हिंगलिश इस लिए भी सफलता की सीड़ियाँ चढ़ रही है क्युकी हिंगलिश में लिखना ज्यादा आसान है जिससे हर आम आदमी अपने भाव उसी भाषा में लिख सकता जिस में वो सोचता, समझता और बोलता है| इसके इलावा हिंगलिश उन लोगो के लिए भी उत्तम है जो बहुत ज्यादा अच्छी अंग्रेजी नही जानते पर साधारणता अंग्रेजी लिख पढ़ लेते है हिंगलिश के द्वारा वोह हर बात दुसरो के साथ सांझी कर सकते है
मैं अपनी ही उदारण लेती हूँ| लिखने का शोंक मुझे शुरू से ही था पर मुझे कोई ऐसी वेबसाइट नही मिली.जिस पर मैं अपने भावों को हिंदी में उकेर सकू इसके लिए पहले अंग्रेजी में लिल्खो फिर ट्रांसलेट करो इन मुश्किलों के कारण मेरे लिखने का उत्साह ठंडा पड़ गया पर फिर मुझे जागरणजंक्शन मिला जिस पर हिंगलिश के द्वारा मैं अपने विचारों को आप से साँझा करने लगी इस प्रकार हिंगलिश ने मुझे लिकने का और अपने विचार व्यक्तकरने का मौका दिया इस तरह हिंदी टाइपिंग आ नाते हुए भी मैं अपने भावों को हिंदी में व्यक्त कर पाई मेरे जैसी अनेको ऐसे इंसान होगे जिनके लिए हिंगलिश जादुई कलम साबित हुई है जिससे हिंदी का हनन नहीं बल्कि हिंदी को बढ़ावा ही मिल रहा है

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