innerfeeling
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5 साल बाद नेता जी
हमारी गली आते है
झटपट से एक एक बंदे को पहचान जाते है
और शामलाल कैसे हो
राजी ख़ुशी सब
ऐसा कह कर हमारा मान बढाते है
यह मेरा लंगोटिया यार
हमारा है आपस में खूब प्यार
दोस्ती का हक ऐसे जताते है
कुछ ही पलों बाद कुछ ऐसे फरमाते है
लाला पता है ना
पुरे परिवार ने मोहर कहाँ लगानी है
अब तूने दोस्ती निभानी है|
मैं चुपचाप खड़ा हाँ में हां मिला देता हूँ
मुझको पहचाना तो सही
इसी में ख़ुशी मना लेता हूँ
चुनाव गुजर जाने के बाद
नेता जी बदल जाते है
दोस्त ना मेरे रहते वो
साहब हो जाते है
मिलने जाता हु गर कभी
वक़्त नही कहकर
पल्ला झाड जाते है
अपनी दोस्ती नेता जी
कुछ ऐसे ही निभाते है
अपनी दोस्ती नेता जी
कुछ ऐसे ही निभाते है
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